छठ पूजा 2024: सूर्य देव की उपासना का महापर्व
छठ पूजा, एक ऐसा त्योहार है जो न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। सूर्य देवता और छठी मैया की आराधना में मनाए जाने वाले इस पर्व की खास बात यह है कि इसमें प्रकृति, शुद्धता और सादगी की प्रमुखता होती है। इस ब्लॉग में हम छठ पूजा 2024 के तिथियों, मुहूर्त और इससे जुड़ी परंपराओं की जानकारी देंगे।
छठ पूजा 2024 की तिथियां और मुहूर्त
छठ पूजा चार दिनों तक चलने वाला पर्व है, जो 5 नवंबर से 8 नवंबर 2024 के बीच मनाया जाएगा। आइए जानते हैं इन दिनों की विशेषताएं:
दिन | तारीख | पर्व का नाम | मुख्य गतिविधियां |
पहला दिन | 5 नवंबर 2024 | नहाय खाय | पवित्र स्नान, शुद्ध भोजन और घर की सफाई। |
दूसरा दिन | 6 नवंबर 2024 | खरना | दिनभर उपवास, शाम को गुड़ की खीर, रोटी और फल का भोग। |
तीसरा दिन | 7 नवंबर 2024 | संध्या अर्घ्य | डूबते सूर्य को अर्घ्य, घाट पर पूजा और ठेकुआ, फल का प्रसाद। |
चौथा दिन | 8 नवंबर 2024 | उषा अर्घ्य | उगते सूर्य को अर्घ्य, व्रत का पारण, परिवार की सुख-समृद्धि की कामना। |
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नहाय-खाय (5 नवंबर 2024)
छठ पूजा की शुरुआत होती है नहाय-खाय से। इस दिन व्रती पवित्र स्नान कर शुद्ध और सात्विक भोजन करते हैं। यह पूजा के पहले दिन की शुरुआत होती है, जहां पूरे घर की सफाई होती है और परिवार के सदस्य उपवास की तैयारी करते हैं। -
खरना (6 नवंबर 2024)
खरना के दिन व्रती दिनभर उपवास रखते हैं और शाम को गुड़ से बनी खीर, रोटी और फल का भोग लगाते हैं। यह व्रत शुद्धता और आत्मसंयम का प्रतीक है। -
संध्या अर्घ्य (7 नवंबर 2024)
यह छठ पूजा का तीसरा दिन होता है, जब व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। इस दिन विशेष प्रसाद जैसे ठेकुआ, फल, और गन्ने से सजे बांस की टोकरी लेकर घाट पर जाकर पूजा की जाती है। -
उषा अर्घ्य (8 नवंबर 2024)
अंतिम दिन सूर्योदय के समय उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। यह दिन पूजा का समापन है, जब भक्त अपने व्रत का पारण करते हैं और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
छठ पूजा की विशेषताएं
छठ पूजा की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह त्योहार पूरी तरह से प्राकृतिक और सात्विक होता है। इसमें बांस की टोकरियां, गंगा जल, और शुद्ध घी का प्रयोग किया जाता है। इस त्योहार में दिखावे से बचा जाता है और व्रती पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ सूर्य देवता और छठी मैया की पूजा करते हैं।
छठ पूजा का वैज्ञानिक महत्व
छठ पूजा सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। सूर्य देवता को अर्घ्य देने का विधान इसलिए भी है क्योंकि यह सूर्य की किरणों से प्राप्त ऊर्जा और स्वास्थ्य लाभ को दर्शाता है। यह त्योहार न सिर्फ शारीरिक शुद्धि का प्रतीक है, बल्कि मानसिक और आत्मिक शुद्धि का भी संदेश देता है।
समापन
छठ पूजा का यह पर्व जीवन में सादगी, शुद्धता और प्रकृति के प्रति सम्मान को बढ़ावा देता है। यह त्योहार हमें यह सिखाता है कि श्रद्धा और भक्ति से जीवन में हर बाधा को पार किया जा सकता है। अगर आप भी इस बार छठ पूजा मना रहे हैं, तो इन चार दिनों की पवित्रता और आस्था में डूब जाइए और अपने परिवार के सुख-समृद्धि की कामना कीजिए।
इस ब्लॉग को पढ़कर आपको छठ पूजा की महत्ता और इससे जुड़ी परंपराओं की बेहतर समझ मिली होगी। इस त्योहार को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाइए और सूर्य देवता की कृपा से अपने जीवन में नई ऊर्जा और खुशियों का स्वागत कीजिए।