- दोस्तों आजमगढ़ का निजामाबाद इलाका आज से नहीं मुगल काल से जाना जाता है और अपनी Black Pottery of Nizamabad की खासियत के कारण जाना जाता है, अपनी अलग पहचान और सांस्कृतिक धरोहर के लिए विश्व प्रसिद्ध है आजमगढ़ की निजामाबाद में Black Pottery कुंभारों के द्वारा बनाई जाती है जो विश्व में बहुत ही प्रसिद्ध है आज हम इस ब्लॉक में Black Pottery of Azamgarh के बारे में गहराई से जानेंगे।
Black Pottery of Azamgarh क्या है?
Black Pottery एक खास प्रकार की मिट्टी, जो चिकनी और चिपचिपी कठोर होती है इस मिट्टी से बर्तन बनाए जाते हैं जिसमें बर्तन को काले रंग में तैयार किया जाता है इस तरह की कला आजमगढ़ के निजामाबाद में बहुत अधिक मात्रा में होती है काले रंग का यह अनोखा डिजाइन और बारीक नक्कासियां इन बर्तनों को और भी खास बना देती हैं इन पर सुंदर चित्रकारिता की जाती है जिससे हर बर्तन एक अनमोलकलाकृति के रूप में बन जाता है।
Black Pottery का इतिहास
दोस्तों निजामाबाद की अद्भुत कला Black pottery आज से नहीं मुगल कल से मानी जाती है ऐसा कहा जाता है कि निजामाबाद के कारीगरों में यह काला Black Pottery of Nizamabad के नाम से उसे जमाने में भी बहुत प्रसिद्ध हुआ करती थी आज भी यह कला निजामाबाद में देखने को मिलती है समय के साथ यह कल विश्व प्रसिद्ध हो गई और आज न केवल घरेलू उपाय बल्कि सजावटों के लिए भी यह काफी लोकप्रिय है।
Black Pottery बनाने की प्रक्रिया
दोस्तों ब्लैक पॉटरीदिखने में जितनी सुंदर है इसके पीछे मेहनत भी उतनी ज्यादा होती है आजमगढ़ के निजामाबाद की ब्लैक पाउडर बनाने की प्रक्रिया एकदम अनोखी और पारंपरिक है जो मुगल काल से चली आ रही है यह कला पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है और इसमें छोटी-छोटी बारीकियां, मेहनत और धैर्य की आवश्यकता होती है आई इस एकदम विस्तार पूर्वक समझते हैं आखिर कैसे इतना सुंदर मिट्टी का बर्तन बनता है।
1. कच्चे माल की तैयारी
Black Pottery के लिए एक विशेष प्रकार की मिट्टी लाई जाती है जो आसपास के क्षेत्र में आसानी से मिल जाती है मिट्टी को घर पर लाकर उसे अच्छे से सफाई की जाती है ताकि इसमें कोई कंकर पत्थर ना मिले फिर इस मिट्टी को छानकर अलग किया जाता है मिट्टी को हल्का सुखा होने दिया जाता है फिर मिट्टी को अच्छे से पानी मिलाकर नरम और लसिला बनाया जाता है ताकि बर्तन बनाते समय आसानी हो और इस मिट्टी को एक सही आकार दिया जा सके।
2. आकार देना (Shape Formation)
दोस्तों अब बारी आती है मिट्टी को एक सही आकार देने की इसके लिए चाक का उपयोग किया जाता है चाक पर मिट्टी को रखकर हाथों से मिट्टी को आकार दिया जाता है और चक्र की गति को अपने हिसाब से कंट्रोल किया जाता है, बर्तन बनने के बाद उसे सूखने के लिए रख दिया जाता है सूखने के बाद उसे पर हाथ से बारीक डिजाईन बनाकर धूप में और अच्छी तरह सुखाया जाता है।
3. बर्तन पकाने की प्रक्रिया (Firing Process)
अब बारी आती हैबर्तन को आग में पकाने की जब बर्तन अच्छी तरह सूख जाता हैतब उसे भट्टी में रखकरलकड़ी पत्ते पर भूसे का उपयोग करके बर्तनों के चारों ओर दूंगा पैदा किया जाता हैजिससे धुएं में मौजूद कार्बन बर्तनों को उनके विशिष्ट काला रंग प्रदान करता हैतथा बर्तनों को सही तापमान पर पकाया जाता है ताकि वह मजबूत और टिकाऊ बनी रहेबर्तन को लगभग 8 से 10 घंटे के लिए भट्टी मेंरखकर पकाया जाता है।
4. अंतिम रूप देना
बर्तन को पकाने के बाद भत्ते में से निकाला जाता है तथा बर्तन को अच्छी तरह से पालिश किया जाता है हर बर्तन की जांच की जाती है कि वह सही से पका है या उसमें कुछ कमी रह गई है इन सब प्रक्रिया से गुजरने के बादबर्तन की पैकिंग की जाती हैतथा ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए बहुत ही सावधानी पूर्वक पैक किया जाता है।
ब्लैक पॉटरी की खासियत
ब्लैक पॉटरए पूर्ण रूप से पर्यावरण के अनुकूल है इन बर्तनों में किसी भी प्रकार केमिकल का उपयोग नहीं किया जाता इन में सब प्राकृतिक सामग्रियों का उपयोग किया जाता है हर बर्तन एक यूनिक डिजाइनऔर उत्कृष्ट कलाकारी का नमूना होता है इसको आप अपने घर पर सजावट के तौर पर उपयोग कर सकते हैं जो आपके घर को एक Vintage लुक देगी।
निजामाबाद की ब्लैक पॉटरी को मिली पहचान
Black Pottery of Nizamabad भारती शिल्प की अनमोल धरोहर बल्कि अपनी अनोखी विशेषताओं के कारण देश विदेश में बहुत ही प्रसिद्ध हैयह कल भारतीय परंपरा सुरजनशीलताऔर मेहंदी कारीगरोंकी मेहनत का प्रतीक हैइस कला कोपूरे विश्व में एक अलग ही पहचान मिली वर्ष 2015 में निजामाबाद की Black Pottery को ( GI ) ज्योग्राफिकल इंडिकेशनसे अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली इस कला को मौलिकता और विशिष्टता को दर्शाता है। GI मिलने के बाद यह कला अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत अधिक प्रसिद्ध हुई तथा उत्तर प्रदेश सरकार ने भारत सरकार ने ब्लैक पॉटरी को बढ़ावा देते हुए कई सारी योजनाएं कुंभकारों के लिए लागू की।
Black Pottery का निर्यात
निजामाबाद की ब्लैक पॉटरी अमेरिका, यूरोप जापान तथा अफ्रीका महाद्वीप के बहुत सारे देशों में निर्यात की जाती है विदेशी बाजार में इसकी कीमत काफी ज्यादा है तथा यह अपनी पर्यावरण संवेदनशीलता और हाथों द्वारा निर्मित डिजाइनों के कारण इसकी कीमत भी अधिक है।
Black Pottery of Azamgarh ( Nizamabad ) अनेक खूबियां, पारंपरिक निर्मित तकनीक और वैश्विक प्रशंसा के कारण विदेश में पहचान मिली यह कला केवल कारीगरों की आजीविका का साधन है बल्कि भारतीय संस्कृति धरोहर को आज जीवित रखे हुए और भारत के इस अद्वितीय कला का प्रदर्शन करती है GI Tag और अंतरराष्ट्रीय प्रशंसा से विश्व स्तर पर एक सम्मानजनक स्थान दिलाया,
उम्मीद करते हैंआपको इस Blog में काफी जानकारी मिली होगी